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सेना पर खर्च के मामले में भारत दुनिया में चौथे स्थान पर

 24 Apr 2024

भारत सैन्य खर्च के मामले में वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर है। भारत का सैन्य खर्च 2014 से 2022 तक 44 फ़ीसदी बढ़ा है। वैश्विक स्तर पर भी सैन्य खर्च 2,443 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो अभी तक का सबसे अधिक सैन्य खर्च है। सैन्य खर्च के मामले में टॉप चार देश हैं- अमेरिका, चीन, रूस और भारत। यह बात स्वीडन स्थित स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) की रिपोर्ट से सामने आयी है।


भारत का बढ़ा सैन्य खर्च

सिप्री की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में चार देश अमेरिका, चीन, रूस और भारत ने अन्य देशों के मुक़ाबले अपनी सेना पर सबसे ज़्यादा ख़र्च कर रहे हैं। भारत का सैन्य खर्च 2023 में 83.6 बिलियन डॉलर था, जो वैश्विक सैन्य खर्च का 3.7 फ़ीसदी है। भारत के सैन्य खर्च में 2014 से लेकर 2023 तक 44 फ़ीसदी की बढ़ोतरी देखी गयी है। रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य खर्च बढ़ने का मुख्य कारण सेना के वेतन, पेंशन और संचालन की लागत है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने अपनी सेना का खर्च पडोसी देशों पाकिस्तान और चीन के साथ चल रहे विवादों के दौरान बढ़ाया है। जबकि सेना के लिए ख़रीद पर किया जाने वाला ख़र्च स्थिर रहा है। भारत में सेना के बजट का 75 फ़ीसदी हिस्सा घरेलू स्तर पर निर्माण किये जाने वाले हथियारों पर खर्च किया गया है जो घरेलू स्तर पर अब तक का सबसे बड़ा खर्च है। इसका  मुख्य कारण ‘मेक इन इंडिया’ रहा है।

अमेरिका का सैन्य खर्च पिछले एक साल में 916 अरब डॉलर तक बढ़ा है। जो कुल सैन्य वैश्विक खर्च का 37 फ़ीसदी है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका का सैन्य ख़र्च इसलिए बढ़ा है क्योंकि उसने इस्राइल और यूक्रेन को युद्ध में अपना समर्थन दिया है। अमेरिका और चीन का कुल सैन्य खर्च 2023 में किये गए कुल वैश्विक सैन्य खर्च का आधा है।

चीन का 2023 में अनुमानित सैन्य खर्च 296 बिलियन डॉलर रहा। चीन ने 2022 की तुलना में अपने सैन्य खर्च में 6 फ़ीसदी की वृद्धि की है।

रूस का सैन्य खर्च 2023 में बढ़कर 109 बिलियन डॉलर हो गया। जिसका कारण रूस का यूक्रेन के साथ 2022 से चला आ रहा युद्ध है।



वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है सैन्य खर्चा

वैश्विक स्तर पर सैन्य खर्च में 2023 से लेकर पिछले 9 सालों में 6.8 फ़ीसदी की बढ़ोतरी देखी गयी है। वैश्विक स्तर पर कुल सैन्य खर्च 2023 में 2,443 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया जो अब तक का सबसे ऊंचा वैश्विक स्तर है। वैश्विक स्तर पर सैन्य खर्च का बढ़ना बहुत ज़्यादा चिंताजनक है। रिपोर्ट के अनुसार, संभावित युद्ध और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रमुख देश अपने सैन्य खर्च में अपनी अर्थव्यवस्था के हिसाब से  बढ़ोतरी कर रहे हैं।


स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) कौन है

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है। सिप्री की स्थापना 1966 में की गयी थी। इसका मुख्य काम नीति -निर्माताओं, शोधकर्ताओं, मीडिया और इच्छुक लोगों को रिसर्च उपलब्ध करवाना है। सिप्री का मुख्यालय स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में है।